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REAL GOD : न मन्दिर होता न माज्जित होती

ना मस्जिद आजान देती, ना मंदिर के घंटे बजते ना अल्ला का शोर होता, ना राम नाम भजते ना हराम होती, रातों की नींद अपनी मुर्गा हमें जगाता, सुबह के पांच बजते ना दीवाली होती, और ना पठाखे बजते ना ईद की अलामत, ना बकरे शहीद होते तू भी इन्सान होता, मैं भी इन्सान होता, …….काश कोई धर्म ना होता.... …….काश कोई मजहब ना होता.... ना अर्ध देते , ना स्नान होता ना मुर्दे बहाए जाते, ना विसर्जन होता जब भी प्यास लगती , नदिओं का पानी पीते पेड़ों की छाव होती , नदिओं का गर्जन होता ना भगवानों की लीला होती, ना अवतारों का नाटक होता ना देशों की सीमा होती , ना दिलों का फाटक होता तू भी इन्सान होता, मैं भी इन्सान होता, …….काश कोई धर्म ना होता..... …….काश कोई मजहब ना होता.... कोई मस्जिद ना होती, कोई मंदिर ना होता कोई दलित ना होता, कोई काफ़िर ना होता कोई बेबस ना होता, कोई बेघर ना होता किसी के दर्द से कोई, बेखबर ना होता ना ही गीता होती , और ना कुरान होता ना ही अल्ला होता, ना भगवान होता तुझको जो जख्म होता, मेरा दिल तड़पता. ना मैं हिन्दू होता, ना तू मुसलमान होता तू भी इन्सान होता, ...

न मन्दिर होता न माज्जित होती

सत्य की खोज अवश्य पुरा पढे विशेष संवाददाता :-सतलोक आश्रम बरवाला (हरियाणा ) के संचालक संत रामपाल जी के बारे में लोगों से चौकाने वाली बातो का खुलासा हुआ है, जिस े सुनकर आप भी सोच में पड़ जायेगे, पढिये संक्षिप्त प्राप्त जानकारी अनुसार कुछ दिनों पहले सतलोक आश्रम की गुंज विश्व के कोने कोने में सुनाई दे रही थी, मिडिया ध्दारा बताये गये काले सच को सुनकर हर कोई के मुंह से निकल रहा था कि आजकल बाबागिरी कर लोगों को मुर्ख बनाया जा रहा है और सत्य भी है कि ज्यादातर धर्म के नाम पर कमाई की फैक्ट्री चलाते हैं, लेकिन संत रामपाल जी के सत्संग में माया रुपी जाल में नहीं फंसने की बात कही है! आइये जानते हैं सतलोक प्रकरण क्या है संत रामपाल जी ने कबीर पंथी गुरु रामदेवानंद जी से गुरु दीक्षा ग्रहण कर सन 1997 से घर घर, गांव गांव जाकर सत्संग पाठ प्रारंभ किया उनके भक्त बताते हैं कि रामपाल जी की पूर्ण ब्रम्ह ध्दारा ज्ञान प्राप्त हुआ और वे सभी हिन्दू धर्म के वेद, शास्त्रों, श्रीमद् गीताजी एवं कुरान, बाइबिल ऐसे सभी धर्मग्रंथों का प्रमाण देकर सही भगवान् भक्ति क्या है ये सब अपने सत्संग में बताने लगे,...

सत गुरू रामपाल जी की सत्य की खोज

सत्य की खोज विशेष संवाददाता :-सतलोक आश्रम बरवाला (हरियाणा ) के संचालक संत रामपाल जी के बारे में लोगों से चौकाने वाली बातो का खुलासा हुआ है, जिस े सुनकर आप भी सोच में पड़ जायेगे, पढिये संक्षिप्त प्राप्त जानकारी अनुसार कुछ दिनों पहले सतलोक आश्रम की गुंज विश्व के कोने कोने में सुनाई दे रही थी, मिडिया ध्दारा बताये गये काले सच को सुनकर हर कोई के मुंह से निकल रहा था कि आजकल बाबागिरी कर लोगों को मुर्ख बनाया जा रहा है और सत्य भी है कि ज्यादातर धर्म के नाम पर कमाई की फैक्ट्री चलाते हैं, लेकिन संत रामपाल जी के सत्संग में माया रुपी जाल में नहीं फंसने की बात कही है! आइये जानते हैं सतलोक प्रकरण क्या है संत रामपाल जी ने कबीर पंथी गुरु रामदेवानंद जी से गुरु दीक्षा ग्रहण कर सन 1997 से घर घर, गांव गांव जाकर सत्संग पाठ प्रारंभ किया उनके भक्त बताते हैं कि रामपाल जी की पूर्ण ब्रम्ह ध्दारा ज्ञान प्राप्त हुआ और वे सभी हिन्दू धर्म के वेद, शास्त्रों, श्रीमद् गीताजी एवं कुरान, बाइबिल ऐसे सभी धर्मग्रंथों का प्रमाण देकर सही भगवान् भक्ति क्या है ये सब अपने सत्संग में बताने लगे, तब हरियाणा में अपना ज्ञान प्रचार...

REAL GOD KNOWLAGE REAL STORI

इस संसार में हकीकत में कौन क्या है.......? • केले का छिलका----- पृथ्वी से मिलाप करने का दलाल • सिनेमा----- पैसा देकर कैद होने का स्थान • जेल ----- बिना पैसे का हास्टल • सास ----- बहु के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस • चिन्ता----- बजन कम करने की सबसे सस्ती दवा • मृत्यु ----- बिना पासपोर्ट के पृथ्वी सेदूर जाने की छूट • ताला ----- बिना वेतन का चौकीदार • मुर्गा ----- देहात की अलार्म घडी • झगडा ----- वकील का कमाऊ बेटा • चश्मा----- जादूई आँख • स्वप्न ----- बिना पैसे की फिल्म • हॉस्पिटल----- रोगियों का संग्रहालय • श्मशान----- दुनिया का आखिरी स्टेशन • ईश्वर----- किसी से मुलाकात न करने वाला व्यवस्थापक • चाय कॉफी----- कलयुग का अमृत • विद्वान----- अक्ल का ठेकेदार • चोर----- रात का शरीफ व्यापारी • विश्व----- एक महान धर्मशाला। गलती जिंदगी का एक पन्ना है; परन्तु 'रिश्ते' पूरी किताब हैं। ज़रूरत पड़ने पर 'गलती' का पन्ना फाड़ देना लेकिन एक पन्ने के लिए पूरी किताब मत फाड़ देना। • सास ----- बहु के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस • चिन्ता----- बजन कम करने की सबसे...

सत् गुरू रामपाल जी के बारे मे सत्य की खोज

सत्य की खोज अवश्य पुरा पढे विशेष संवाददाता :-सतलोक आश्रम बरवाला (हरियाणा ) के संचालक संत रामपाल जी के बारे में लोगों से चौकाने वाली बातो का खुलासा हुआ है, जिसे सुनकर आप भी सोच में पड़ जायेगे, पढिये संक्षिप्त प्राप्त जानकारी अनुसार कुछ दिनों पहले सतलोक आश्रम की गुंज विश्व के कोने कोने में सुनाई दे रही थी, मिडिया ध्दारा बताये गये काले सच को सुनकर हर कोई के मुंह से निकल रहा था कि आजकल बाबागिरी कर लोगों को मुर्ख बनाया जा रहा है और सत्य भी है कि ज्यादातर धर्म के नाम पर कमाई की फैक्ट्री चलाते हैं, लेकिन संत रामपाल जी के सत्संग में माया रुपी जाल में नहीं फंसने की बात कही है! आइये जानते हैं सतलोक प्रकरण क्या है संत रामपाल जी ने कबीर पंथी गुरु रामदेवानंद जी से गुरु दीक्षा ग्रहण कर सन 1997 से घर घर, गांव गांव जाकर सत्संग पाठ प्रारंभ किया उनके भक्त बताते हैं कि रामपाल जी की पूर्ण ब्रम्ह ध्दारा ज्ञान प्राप्त हुआ और वे सभी हिन्दू धर्म के वेद, शास्त्रों, श्रीमद् गीताजी एवं कुरान, बाइबिल ऐसे सभी धर्मग्रंथों का प्रमाण देकर सही भगवान् भक्ति क्या है ये सब अपने सत्संग में बताने लगे, तब हरियाणा में अ...

अविध्या क्या है

Jagatguru Rampal ji Maharaj प्र. 1: अविद्या किसे कहते हैं ? उत्तर: विपरीत जानने को अविद्या कहते हैं। प्र. 2: अविद्या का कोई उदाहरण दीजिए ? उत्तर: जड़ को चेतन मानना, ईश्वर को न मानना, अंधेरे में रस्सी को सांप समझ लेना। ये अविद्या के उदाहरण है। प्र. 3: जन्म का अर्थ क्या है ? उत्तर: शरीर को धरण करने का नाम जन्म है। प्र. 4: जन्म किसका होता है ? उत्तर: जन्म आत्मा का होता है। प्र. 5: मृत्यु किसे कहते है ? उत्तर: आत्मा के शरीर से अलग होने को मृत्यु कहते हैं। प्र. 6: जन्म क्यों होता हैं ? उत्तर: पाप-पुण्य कर्मों का फल भोगने के लिए जन्म होता है। प्र. 7: क्या जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है ? उत्तर: हाँ, जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है। प्र. 8: मुक्ति किसे कहते हैं ? उत्तर: जन्म-मृत्यु के बंधन से छूट जाना ही मुक्ति है। प्र. 9: मुक्ति किसकी होती है ? उत्तर: मुक्ति आत्मा की होती है। प्र. 10: मुक्ति में आत्मा कहाँ रहता है ? उत्तर: मुक्ति में आत्मा ईश्वर में रहता है। प्र. 11: क्या मुक्ति में आत्मा ईश्वर में मिल जाता है ? उत्तर नहीं, मुक्ति में आत्मा ईश्वर में नहीं मिलता है। प्र. 12: मुक्ति में सुख ह...