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Showing posts with the label jशारीरिक उपचार

मित्रो ब्रेन मलेरिया,

मित्रो ब्रेन मलेरिया, टाइफाईड, चिकुनगुनिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू, इन्सेफेलाइटिस, माता व अन्य प्रकार के बुखार का इलाज पढ़े। मित्रो बहुत सारे बुखार तेजी से भारत देश मे फैल रहे है ।। करोडो की संख्या मे लोग इससे प्रभावित हो रहे है। और लाखों लोग मर रहे है। हमेशा की तरह सरकार हाथ पर हाथ रखे तमाशा देख रही है। श्री राजीव दीक्षित जी ने गाँव-गाँव घूम-घूम कर आयुर्वेदिक दवा से लाखो लोगो को बचाया है।। और ये दवा बनानी कितनी आसान है। 1. 20 पत्ते तुलसी, नीम की गिलोई का सत् 5gm, 10gm सोंठ(सुखी अदरक), 10 छोटी पीपर के टुकड़े सब आपके घर मे आसानी से उपलब्ध हो जाती है। एक जगह पर कूटने के बाद एक गिलास पानी में उबलकर काढ़ा बनाना है ठन्डा होने के बाद में सुबह, दोपहर और श्याम दिन में तीन बार पीना चाहिए। नीम गिलोई- इसका जूस डेंगू रोग में श्वेत रक्त कणिकाए, प्लेटलेट्स कम होने पर तुरंत बढ़ाने में ये गिलोय ज्यादा बहुत काम आता है। 2. एक और अच्छी दवा है, एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हारसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है, उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग क...

गिलोय – आयुर्वेद की अमृत – अमृता

गिलोय – आयुर्वेद की अमृत – अमृता । इसके खास गुणों के कारण इसे अमृत के समान समझा जाता है जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनती है, उसके गुण भी इसमें समाहित रहते हैं । इस दृष्टि से नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है गिलोय को आयुर्वेद में गर्म तासीर का माना जाता है। अगर आप सुबह उठ कर इसकी छोटी सी डंडी को चबा चबा कर खा लेंगे तो आपके लिए ये संजीवनी की तरह काम करेगी। और कैसा भी असाध्य रोग हो ये उस को चुटकी बजाते हुए खत्म कर देगी। गिलोय में अनेका अनेक गुण समाये हुए हैं। गिलो य शरीर के तीनो दोषों (वात, पित्, और कफ) को संतुलित करती है और शरीर का कायाकल्प करने की क्षमता रखती है। इसमें सूजन कम करने, शुगर को नियंत्रित करने, गठिया रोग से लड़ने के अलावा शरीर शोधन के भी गुण होते हैं। गिलोय के इस्तेमाल से सांस संबंधी रोग जैसे दमा और खांसी में फायदा होता है। गिलोय का उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, धातू विकार, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार, चर्म रोग, झाइयां, झुर्रियां, कमजोरी, गले के संक्रमण, खाँसी, छींक, विषम ज्वर नाशक, टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, पेट कृमि, पेट के रोग, सीने में जकड़न, जोडों मे...

सिर दर्द के लिए सफल चिकित्सा

सिर दर्द के लिए सफल चिकित्सा यदि आप सिर दर्द की दवाइया लेकर तंग आ गए हैं तो यह प्रयोग करे। अभी तक जिसे भी प्रयोग करवाया है वही ठीक हो गया है। कभी असफल नहीं हुआ। परंतु कड़वा बहुत है । जो कड़वी दवाई न ले सके वह न ले। आधे सिर का दर्द हो या पूरे सिर का, सुबह होता हो या शाम चाहे इंजेक्शन के बिना आराम न आता हो चाहे MRI व CT स्कैन मे कुछ न आया हो । चाहे बड़े अस्पताल आपकी जेब खाली कर चुके हो और आराम न हुआ हो तो भी कुछ दिन यह प्रयोग करे। आप आयुर्वेद के भक्त बन जाएगे। नीचे लिखी सभी दवाइया 50-50 ग्राम ले । सभी दवाइया साबुत ले। ध्यान से देख कर ले 1 हरड़- 2 बहेड़ा- 3 आंवला- 4 हल्दी,- 5 गिलोय, 6 चिरायता,- 7 नीम कि छाल- सभी साबुत ले जड़ी बूटी वाले से। अच्छी तरह साफ कर ले। गली सड़ी घुन लगी या फफूंद लगी जड़ी बूटिया ना ले। । लाकर कूट ले। मोटा मोटा कूट ले गेहु के दाने के आकार के टुकड़े बना ले । बारीक ना पीसे । 2 चम्मच 2 कप मे इतना उबाले कि आधा कप रह जाए । छान कर पी ले। 2 समय । इसके लेने के 1 घंटे तक ठंडा पानी न पिए। यदि रोग अधिक पुराना है तो इसके साथ 2-2 गोली 2 समय शिरशूल वज्र रस की ले । यदि शिरशुल व...

शहीद जवान के बच्चे की दिल छू गई कविता ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है?

शहीद जवान के बच्चे की दिल छू गई कविता ओढ़ के तिरंगा क्यों पापा आये है? माँ मेरा मन बात ये समझ ना पाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है। पहले पापा मुन्ना मुन्ना कहते आते थे, टॉफियाँ खिलोने साथ में भी लाते थे। गोदी में उठा के खूब खिलखिलाते थे, हाथ फेर सर पे प्यार भी जताते थे। पर ना जाने आज क्यूँ वो चुप हो गए, लगता है की खूब गहरी नींद सो गए। नींद से पापा उठो मुन्ना बुलाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है। फौजी अंकलों की भीड़ घर क्यूँ आई है, पापा का सामान साथ में क्यूँ लाई है। साथ में क्यूँ लाई है वो मेडलों के हार , आंख में आंसू क्यूँ सबके आते बार बार। चाचा मामा दादा दादी चीखते है क्यूँ, माँ मेरी बता वो सर को पीटते है क्यूँ। गाँव क्यूँ शहीद पापा को बताये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है। माँ तू क्यों है इतना रोती ये बता मुझे, होश क्यूँ हर पल है खोती ये बता मुझे। माथे का सिन्दूर क्यूँ है दादी पोछती, लाल चूड़ी हाथ में क्यूँ बुआ तोडती। काले मोतियों की माला क्यूँ उतारी है, क्या तुझे माँ हो गया समझना भारी है। माँ तेरा ये रूप मुझे ना सुहाये है, ओढ़ के तिरंगे को क्यूँ पापा आये है। पाप...

शरीर को मोटा ताजा करने वाला मेरा अनभूत नुस्खा

शरीर को मोटा ताजा करने वाला मेरा अनभूत नुस्खा :- आंवला 100 ग्राम , अश्वगंधा 100 ग्राम गिलोय 100 ग्राम सफेद मूसली 100 ग्राम , गोखरू 100 ग्राम, शतावर 100 ग्राम, ताल मखाना बीज 100 ग्राम  सफेद तिल 100 ग्राम, त्रिकुटा 100 ग्राम , Alo 50 ग्राम, वंश लोचन 100 gm इन सब औष्धियो तो जड़ी _ बूटी बेचने वालों से लाकर साफ करके सुखा कर कूट कर कपड़छान करलें [ कपड़छान मलमल के कपडें में करें कपड़छान करने पर खुले मुँह के बर्तन में डालकर आँवले के रस मे भिगोकर घोटें , ऐसा सात बार करें [] [ आयुर्वेद की भाषा में कहा जाए तो सब दवाओ को , आँवले के रस की सात भावना देकर सुखा लें ][] इसके बाद अशगंध की सात भावना दें | इसके बाद विदारीकंद के ताजे रस की भावना दें | इसके बाद सिंम्बल मूसली की सात भावना दें | सब दवा को सुखाकर फिर इसमें ..... 20 ग्राम मुक्ता भस्म [ अच्छी कंपनी की लें ] रजत_भस्म या वर्क १० ग्राम लौह भस्म 50 ग्राम साधारण या 100 putti दवा ताकतवर हो जाती है , रक्त में वृदि बहुत करती है , शरीर लोहा बना देती है | ] अभ्रक भस्म 50 ग्राम साधारण या 100 puti इससे दवा के गुणो मे वृदि होती है , फेफडो़ को ताकत देती ...

अदरक के लाभ

सौंठ (सुखी अदरक = DRY GINGER) पीसी हुई सौंठ (सुखी अदरक) और गुड को बराबर मिला कर रख ले। ध्यान रहे सौंठ मे घुन न लगा हो और बहुत पुरानी न हो। जरा सा अदरक का रस मिला कर गोली बना लें। लगभग आधा ग्राम 2 समय गुंनगुने (कोसे) पानी से लें। धीरे धीरे बढ़ाते हुए 2 ग्राम तक ले। इस के प्रयोग से गुल्म, उदर रोग, अर्श, सूजन, प्रमेह, श्वास, प्रतिश्याय, अलसक, अविपाक कामला, शोष, मानसिक रोग और कफ़जन्य कास रोग नष्ट होते हैं (चरक संहिता चिकित्सास्थान अध्याय 12/ 46,47 ) व्याख्या- ये साधारण सी औषधि अत्यंत प्रभावी है। अनेक बार अनुभव किया है। यदि किसी को ये औषधि लेने से गर्मी लगे, बार बार अधिक प्यास लगे, त्वचा पर चिकौटिया काटने जैसा अनुभव हो तो मात्रा कम कर दे। 1. हमेशा बने रहने वाले जुकाम की बहुत अच्छी चिकित्सा है। यदि मौसम बदलने पर जुकाम होता है तो एक महिना लेने से नजला जुकाम दूर हो जाता है। 2. छोटे बच्चे और गर्भवती महिला को भी देने के लिए सुरक्षित है। मात्रा कम दें। 3. मानसिक रोग जैसे डिप्रेशन पर अत्यंत प्रभावी है। मेरा स्वयं का अनुभव है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की मान्यता है की अदरक या सौंठ मन को प्रसन्न कर...