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राजस्थान मे 82 साल का आदमी अभी शादी करना चाहता है

राजस्थान के 82 वर्षीय एक शख्स आज भी शादी का सपना संजोए बैठा है और इसी तम्मना को पूरा करने के लिए वह एक जिद पर अड़ा है.
हम बात कर रहे हैं अलवर जिले के बहरोड स्थित खोहरी गांव के शिवचरण यादव की. और उसकी जिद है दसवीं पास कर के ही दम लेने की. इस जिद के चलते ही शिवचरण अब तक 47 बार दसवीं परीक्षा दे चुका है. हालांकि इस बार भी उसे सफलता हाथ नहीं लगी. परीक्षा में फेल होने के साथ ही उनका 10वीं पास करके ही शादी करने का सपना भी टूट गया.
शिवचरण इस बार एक भी विषय में पास नहीं हो सके. अंकतालिका में इंग्लिश और गणित में तो उन्हें शून्य (जीरो) नंबर दिए गए हैं. पिछले साल 46वीं बार असफल रहने के बाद भी सफलता की आस लिए परीक्षा देने ने वाले शिवचरण फेल जरूर हुआ है लेकिन उसका कहना है कि वह इस वर्ष फिर परीक्षा देंगे और पास होकर दिखाएंगे.
जिद के पीछे शिवचरण की ख्वाहिश:
शिवचरण की आंख, कान व शरीर के अंगों ने साथ देना छोड़ दिया है, लेकिन जज्बा और जुनून अब भी बरकरार है, बनूगां तो दसवीं पास दूल्हा, वरना शादी ही नहीं करूंगा. वर्षों पहले खाई कसम का खाने वाला शिवचरण राजस्थान के बहरोड़(अलवर) के खोहरी गांव का रहने वाला है. शिवचरण में दसवीं पास करने की ललक अब भी बरकरार है.
गणित में हर बार हो जाता है फेल:
लगातार 47 बार फेल होने के बावजूद अब तक हिम्मत नहीं हारी. शिवचरण ने बताया कि 1995 में वह गणित को छोड़कर सभी विषयों में पास हो गए थे, लेकिन उसके बाद से अब तक किस्मत उसका इतना साथ भी नहीं दे रही की वह किसी परीक्षा में गणित विषय को पास कर सकें. लेकिन इस बार तो शिवचरण किसी भी विषय में पास नहीं हो पाए.
मंदिर में आश्रय और पेंशन पर गुजारा:
शिवचरण के परिवार में अब कोई नहीं है. आजीविका का साधन नहीं होने से गांव में बने हनुमान मंदिर में रहते हैं. राज्य सरकार की ओर से उन्हें 500 रुपए वृद्धअवस्था पेंशन मिलती है और उसी में उनका गुजारा चलता है. गांव वाले कहते हैं कि दसवीं परीक्षा पास करने के जुनून में शिवचरण मंदिर में पढ़ाई में जुटा रहता था. उसे इस बार परीक्षा पास करने की उम्मीद थी लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी.

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