Skip to main content

जब भगवान धरती पर आये थे..

👉👉 ध्यान दे👈👈
आज से पहले कबीर पन्थ में किसीभी संत का विरोध नही हुवा , क्यों ?


क्योंकि ,
कबीर परमात्मा जब आये थे तब भी दुष्ट लोगोने परमात्मा पर इतने अत्याचार किये थे ।
👉 और उनके बाद में अब संत रामपाल जी महाराज जी का भी विरोध हो रहा है ।
👉 क्योंकि कबीर परमात्मा के बाद में किसी को भी सारनाम बताने का आदेश नही था ।
👉
और कबीर परमात्मा ने संत रामपाल जी महाराज जी के रूप में आकर ही इस मूल
ज्ञान को उजागर किया है जो सदियों से इस समय के लिए छुपाकर रखा गया था ।
👉
इसलिए काल के द्वारा इस ज्ञान और संत रामपाल जी महाराज का विरोध करवाया जा
रहा है । कबीर साहेब ने अपने संत के बारे में कहा था की " जो मम संत सत
नाम द्र्ढावे , वाके संग सब राड बढ़ावे । या सब संत महंतन की करनी धर्मदास
में तोसे वर्णी ।। "
👉 और जो ये विरोध कर रहे वो परमात्मा के सच्चे ज्ञान को भोली जनता तक नही पहुंचने देना चाहते ।
👉 इन नकली संतो के जुठे ज्ञान में फसी जनता भी इस विरोध के कारण परमात्मा का सच्चा ज्ञान सुनने को तैयार नही है ।
👉
और काल भगवान ने कबीर परमात्मा के नाम से बारह पन्थ चला रखे है उनका और
दुसरे भी नकली पन्थ चला रखे है उनका कभी इतना विरोध नही करवाया ।
👉क्योंकि परमात्मा ने पहले ही कहा था की कलयुग में बिचली पीढ़ी को ज्ञान देकर ही सत लोक ले जायेंगे ।
👉
परमात्मा इस वक्त भक्तो के ज्ञान और श्रध्धा की परीक्षा भी ले रहे है , जो
भक्त भाई बहेन इस परीक्षा के वक्त में विचलित हुवे है , वो या तो
ज्ञानहीन है या तो उनमे श्रध्धा का अभाव है।


👉
परमात्मा ने कहा था की तेरहवे पन्थ में हम खुद ही चल कर आयेंगे और सब
पन्थो को मिटाकर एक ही पन्थ चलाएंगे और सभी आत्मा ओ को सच्ची भक्ति और नाम
देकर सतलोक ले जायेंगे । परमात्मा अभी संत रामपाल जी महाराज के रूप में ही
काम कर रहे है । इस समय में ज्ञान के बिना बेडा पार नही होगा ।
👉
इस समय जो लोग अपने पिता परमात्मा को नही पहचानकर उनका विरोध कर रहे है वो
बड़ी गलती कर रहे है । क्योंकि "मानुष जन्म दुर्लभ है मिले न बारम्बार
जेसे पता टुटा तरुवर से बहुरि न लगे डार ।। "
👉ऐसा समय भाग्यवानो को मिलता है की जब परमात्मा खुद अपना ज्ञान देने के लिए आते है और उस वक्त हमे मानव जन्म भी प्राप्त हो ।
तो इस समय जो लोग अपने कर्म खराब कर रहे है उनको पछताने के लिए आंसू कम पड जायेंगे ।
👉
परमात्मा ने कहा था के , "पांच हजार पांच सो पाचा जा दिन वचन मेरा होगा
साचा । कलयुग जब बित जाये जब एता सब जिव परम पुरुष पद चेता ।। " तो ये तो
सच होकर ही रहना है ।
👉 परमात्मा का ऐसा ज्ञान है की हर व्यक्ति की समझ में नही आता ।
ज्ञानी हो सो ह्रदय लगाई , मुर्ख हो सो गम ना पाई ।
👉
जीवन तो इतनी जल्दी निकल जायेगा और यदि भक्ति नही की तो यही पर चौरासी
जुनियों में कष्ट उठाना पड़ेगा । और तप्त शिला का दुःख अलग से ।
👉ये
परमात्मा का मार्ग है इसका आम जनता पर प्रभाव होने में कुछ वक्त तो लगेगा
पर गुरूजी की दया से सब ठीक हो जायेगा और भारत फिर से सोने की चिड़िया
बनेगा ।
👉
अभी कलयुग अपना प्रभाव दिखाने लगा है , भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहोंच
चूका है , प्राकृतिक आपदाएं भूकंप , पूर आदि ज्यादा बढ़ रही है । क्योंकि
धरती पर अनैतिक कर्मो का बोज बढ़ता जा रहा है ।
👉 फिर भी पृथ्वी पर प्रलय ही ला दे ऐसी स्थिति नही आई । ये धरा संत विहीन नही हुई है ।
कबीर , घिरी बड़ाईया पाप की , बरसे आग अंगार, संत न होते धरती पर तो जल मरता संसार !!


👉इस
घोर कलियुग में सुवर्ण अवसर है , परमात्मा के भेजे हुवे अवतार सतगुरु
रामपाल जी महाराज धरती पर मौजूद है । जिनके पास सभी शास्त्रों से प्रमाणित
भक्ति विधि उपलब्ध है । उनकी शरण में आकर अपना और अपने परिवार का कल्याण
करवायें ।
👉 सूरज को तो भोर होने पर उजियारा फेलाना ही है । ये आप पर है आप उस सुबह का स्वागत केसे करते है ।
कुछ समय बाद संत रामपाल जी की अध्यक्षता में भारत विश्वगुरु बनेगा , पूरा विश्व भारत के पद चिन्हों पर चलेगा ।


🌺जिव
हमारी जाती है , मानव धर्म हमारा , हिन्दू मुस्लिम शिख इशाई , धर्म नही
कोई न्यारा ! सभी मानव एक ही पिता के बच्चे है , चाहे बच्चा पिता को किसी
नाम से पुकार ले ।


🌺हमारा पिता एक है , और आदि काल से उस तक पहुचने का रास्ता भी एक ही है
, उसकी विधि एक ही है । वो किसी भी समय में ना बदली है ना बदलेगी ।


👉तो इस ज्ञान के युग में इस भक्ति के मार्ग पे आँखे मूंदकर क्यों चले ?
जनजन तक संत रामपाल जी रचित "ज्ञान गंगा " पहुंचाए जो सभी शाश्त्रो का निचोड़ है । और परमात्मा के इस Mission में अपना सहयोग दे ।


सत साहेब ।


कृपया👆👆👆👆पोस्ट को पूरा पढ़े ।
👉 और अच्छा लगे तो आगे भेजे ।

🌹सभी भक्त आत्माओ को 🌹 🌹सत साहेबजी ... !🌹

Comments

Popular posts from this blog

अविध्या क्या है

Jagatguru Rampal ji Maharaj प्र. 1: अविद्या किसे कहते हैं ? उत्तर: विपरीत जानने को अविद्या कहते हैं। प्र. 2: अविद्या का कोई उदाहरण दीजिए ? उत्तर: जड़ को चेतन मानना, ईश्वर को न मानना, अंधेरे में रस्सी को सांप समझ लेना। ये अविद्या के उदाहरण है। प्र. 3: जन्म का अर्थ क्या है ? उत्तर: शरीर को धरण करने का नाम जन्म है। प्र. 4: जन्म किसका होता है ? उत्तर: जन्म आत्मा का होता है। प्र. 5: मृत्यु किसे कहते है ? उत्तर: आत्मा के शरीर से अलग होने को मृत्यु कहते हैं। प्र. 6: जन्म क्यों होता हैं ? उत्तर: पाप-पुण्य कर्मों का फल भोगने के लिए जन्म होता है। प्र. 7: क्या जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है ? उत्तर: हाँ, जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है। प्र. 8: मुक्ति किसे कहते हैं ? उत्तर: जन्म-मृत्यु के बंधन से छूट जाना ही मुक्ति है। प्र. 9: मुक्ति किसकी होती है ? उत्तर: मुक्ति आत्मा की होती है। प्र. 10: मुक्ति में आत्मा कहाँ रहता है ? उत्तर: मुक्ति में आत्मा ईश्वर में रहता है। प्र. 11: क्या मुक्ति में आत्मा ईश्वर में मिल जाता है ? उत्तर नहीं, मुक्ति में आत्मा ईश्वर में नहीं मिलता है। प्र. 12: मुक्ति में सुख ह...

2025 मे तीसरे विश्व यूउद्ध के कारण धरती पर जीवन समाप्त

जागो दुनिया वालो जागो, गूंगे बहरे जीवित मुर्दो जागो घरती पर आ चुके है परमेश्वर(जगतगुरू) =============================== भविष्यवक्ताओ का कहना है अगर ये जगतगुरू तत्वदर्शी संत इस धरती पर नही आता तो 2025 तक तीसरे विश्व युद्ध के कारण पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाता... तीसरे विश्वयुद्ध को रोकने, दुनिया का इतिहास बदलने तथा इस संसार मे सतभक्ति देकर विश्व शान्ति स्थापित करने और काल से छुडवाकर पूर्ण मोक्ष देने .. सृष्टि के महानायक जगतगुरू(तत्वदर्शी संत बाखबर) चारो युगो मे प्रत्यक्ष रूप से केवल पांचवी और अन्तिम बार इस पृथ्वी पर आ चुके है.. संसार मे गुरूओ की भरमार है अप्रत्यक्ष रूप से जगतगुरू भी धरती पर आते जाते रहते है लेकिन हर युग मे जगतगुरू(तत्वदर्शी संत,बाखबर) प्रत्यक्ष रूप से एक ही बार आता है लेकिन इस पृथ्वी पर इतना पाप और अत्याचार बढ गया है ये पृथ्वी बारूद के ढेर पर रखी है इसलिए इस कलयुग मे दुबारा जगतगुरू (तत्वदर्शी संत) को प्रत्यक्ष रूप से आना पडा है भविष्यवक्ताओ का कहना है अगर ये तत्वदर्शी संत बाखबर इस धरती पर नही आते तो 2025 तक तीसरे विश्व युद्ध के कारण पृथ्वी पर जीवन स...

OLX पर लगाई बोली फिर मर दी गोली

उत्तर प्रदेश के आगरा में ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से की जाने वाली किसी भी तरह का लेन देन करने से पहले सावधानी बरतेंगे। दरअसल यहां के पॉश इलाके विक्टोरिया पार्क के पास शनिवार दोपहर 25 वर्षीय देवदत्त त्यागी को तीन बदमाशों ने गोली मार दी। इन बदमाशों ने ओएलएक्स पर मोबाइल का विज्ञापन देखकर देवदत्त को बुलाया था। देवदत्त  ने एक सप्ताह पहले सैमसंग ए-8 मोबाइल बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन दिया था। तीन दिन पहले एक युवक ने उसे फोन किया। खुद को एत्मादपुर का रहने वाला बताया। मोबाइल की कीमत लगाने के बाद उसे मिलने को कहा। जब देवदत्त विक्टोरिया पार्क पहुंचा तो काली पल्सर पर तीन बदमाश आए। उन्होंने मोबाइल देखने के बहाने अपने कब्जे में ले लिया। जब देवदत्त ने उनसे फोन के लिए भिड़ा तो उसे गोली मार दी और इसी दौरान तीन युवकों में से एक ने तमंचा निकाल कर देवदत्त को गोली मार दी। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शापिंग करने वालों के साथ यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी कभी ऐप्पल के फोन के नाम पर ग्राहक को पैकिंग में पत्थर मिलें हैं तो कभी लैपटॉप की डिलीवरी के दौरा...