Skip to main content

यू पी के एक दरोगा की कहानी

देश द्रोह के आरोपी सन्त राम पाल जी
महाराज व उनके अनुयायियों की असली
नीति और नियत का खुलासा
मेरी कुछ दिनो पूर्व उत्तर प्रदेश पुलिस के एक दरोगा
जी व कई अन्यो से अचानक भेट वार्ता हुई। विषय था कि
इन धार्मिक गुरूओ द्वारा सन्त रामपाल जी महाराज को
बार बार तंग क्यो किया जा रहा है ।सबके अपने अपने विचार थे ।
कोई कोई टी वी चैनलो पर सुनी
वातो के आधार पर बोल रहा था तो कोई कोई अध्यात्म का निष्कर्ष
निकालने के लिये सभी धार्मिक गुरूओं का शाश्त्रार्थ कराने
की बात कर रहा था ।कोई कह रहा था कि हरियाणा
कोर्ट के अन्दर सरकार व पुलिस के डी जी
ने माना है व हाईकोर्ट मे लिखकर भी दिया है कि
आश्रम मे कोई अवैध गतिविधि नही थी ।
कोई कोई भारत सरकार के इन्टेलीजेन्स ब्यूरो
की रिपोर्ट बता रहा था कि इन्टेलीजेनेस ब्यूरो
ने अपनी रिपोर्ट मे लिखा है कि कुछ भ्रष्ट जज सन्त
रामपाल जी महाराज के साथ अन्याय कर रहे है।उन
सभी के बीच स्थिति एक पुलिस विभाग का
दरोगा बोला कि मै इतना ही जानता हू कि ज्ञान गंगा
एकदम बेजोड पुस्तक है।मैंने जब इसको पढ़ा तब मुझे अपूर्व
शान्ति मिली ।मै अपने क्षेत्र मे व्याप्त अशान्ति से
परेशान रहता था ।मेरे मन मे ख्याल आया कि जब इस पुस्तक को
पढ़ने से मेरे अन्दर अभूतपूर्व शान्ति आयी है।तो क्यो
न इस पुस्तक को उपद्रवी व्यक्तियो के
बीच बटवाऊ।मैंने 100 किताबे अपने पैसे से
खरीद कर उन उपद्रवी मानसिकता वालो के
बीच बटवायी।कमाल की बात
रही कि बह सभी उपद्रव की
बातो को भूल चुके थे।उनमे से एक साधु बन गया ।कमाल
की बात है कि ऐसे सन्त की
लिखी किताब से लोग उपद्रव करना छोड़ देते है।तो ऐसे
सन्त का अनादर करना बहुत बडी बेवकूफी
है।सरकार को चाहिए कि इस किताब को उपद्रवी
मानसिकता वालो के बीच बटवाये।यदि धर्म गुरूओ को इस
किताब को लेकर आपत्ति है तो वह सभी धर्म गुरू
सार्थक बहस करे यानि बारी बारी से बोले व
उसका प्रसारण टी वी पर सरकार करवाये।
उनका मानना था कि सी बी आई जाच होने
की स्थिति मे कई पुलिस अधिकारी झूठे सबूत
बनाने के कारण जेल जा सकते है।क्योकि भारत सरकार के
इन्टेलीजेन्स ब्यूरो की रिपोर्ट हमेशा सत्य
हुआ करती है।

Comments

Popular posts from this blog

2025 मे तीसरे विश्व यूउद्ध के कारण धरती पर जीवन समाप्त

जागो दुनिया वालो जागो, गूंगे बहरे जीवित मुर्दो जागो घरती पर आ चुके है परमेश्वर(जगतगुरू) =============================== भविष्यवक्ताओ का कहना है अगर ये जगतगुरू तत्वदर्शी संत इस धरती पर नही आता तो 2025 तक तीसरे विश्व युद्ध के कारण पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जाता... तीसरे विश्वयुद्ध को रोकने, दुनिया का इतिहास बदलने तथा इस संसार मे सतभक्ति देकर विश्व शान्ति स्थापित करने और काल से छुडवाकर पूर्ण मोक्ष देने .. सृष्टि के महानायक जगतगुरू(तत्वदर्शी संत बाखबर) चारो युगो मे प्रत्यक्ष रूप से केवल पांचवी और अन्तिम बार इस पृथ्वी पर आ चुके है.. संसार मे गुरूओ की भरमार है अप्रत्यक्ष रूप से जगतगुरू भी धरती पर आते जाते रहते है लेकिन हर युग मे जगतगुरू(तत्वदर्शी संत,बाखबर) प्रत्यक्ष रूप से एक ही बार आता है लेकिन इस पृथ्वी पर इतना पाप और अत्याचार बढ गया है ये पृथ्वी बारूद के ढेर पर रखी है इसलिए इस कलयुग मे दुबारा जगतगुरू (तत्वदर्शी संत) को प्रत्यक्ष रूप से आना पडा है भविष्यवक्ताओ का कहना है अगर ये तत्वदर्शी संत बाखबर इस धरती पर नही आते तो 2025 तक तीसरे विश्व युद्ध के कारण पृथ्वी पर जीवन स...

अविध्या क्या है

Jagatguru Rampal ji Maharaj प्र. 1: अविद्या किसे कहते हैं ? उत्तर: विपरीत जानने को अविद्या कहते हैं। प्र. 2: अविद्या का कोई उदाहरण दीजिए ? उत्तर: जड़ को चेतन मानना, ईश्वर को न मानना, अंधेरे में रस्सी को सांप समझ लेना। ये अविद्या के उदाहरण है। प्र. 3: जन्म का अर्थ क्या है ? उत्तर: शरीर को धरण करने का नाम जन्म है। प्र. 4: जन्म किसका होता है ? उत्तर: जन्म आत्मा का होता है। प्र. 5: मृत्यु किसे कहते है ? उत्तर: आत्मा के शरीर से अलग होने को मृत्यु कहते हैं। प्र. 6: जन्म क्यों होता हैं ? उत्तर: पाप-पुण्य कर्मों का फल भोगने के लिए जन्म होता है। प्र. 7: क्या जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है ? उत्तर: हाँ, जन्म-मृत्यु को रोका जा सकता है। प्र. 8: मुक्ति किसे कहते हैं ? उत्तर: जन्म-मृत्यु के बंधन से छूट जाना ही मुक्ति है। प्र. 9: मुक्ति किसकी होती है ? उत्तर: मुक्ति आत्मा की होती है। प्र. 10: मुक्ति में आत्मा कहाँ रहता है ? उत्तर: मुक्ति में आत्मा ईश्वर में रहता है। प्र. 11: क्या मुक्ति में आत्मा ईश्वर में मिल जाता है ? उत्तर नहीं, मुक्ति में आत्मा ईश्वर में नहीं मिलता है। प्र. 12: मुक्ति में सुख ह...

भगवान का असितव

भगवान का अस्तित्व – Hindi Story एक बार एक व्यक्ति नाई की दुकान पर अपने बाल कटवाने गया| नाई और उस व्यक्ति के बीच में ऐसे ही बातें शुरू हो गई और वे लोग बातें करते-करते “भगवान” के विषय पर बातें करने लगे| तभी नाई ने कहा – “मैं भगवान (Bhagwan) के अस्तित्व को नहीं मानता और इसीलिए तुम मुझे नास्तिक भी कह सकते हो” “तुम ऐसा क्यों कह रहे हो”  व्यक्ति ने पूछा| नाई ने कहा –  “बाहर जब तुम सड़क पर जाओगे तो तुम समझ जाओगे कि भगवान का अस्तित्व नहीं है| अगर भगवान (Bhagwan) होते, तो क्या इतने सारे लोग भूखे मरते? क्या इतने सारे लोग बीमार होते? क्या दुनिया में इतनी हिंसा होती? क्या कष्ट या पीड़ा होती? मैं ऐसे निर्दयी ईश्वर की कल्पना नहीं कर सकता जो इन सब की अनुमति दे” व्यक्ति ने थोड़ा सोचा लेकिन वह वाद-विवाद नहीं करना चाहता था इसलिए चुप रहा और नाई की बातें सुनता रहा| नाई ने अपना काम खत्म किया और वह व्यक्ति नाई को पैसे देकर दुकान से बाहर आ गया| वह जैसे ही नाई की दुकान से निकला, उसने सड़क पर एक लम्बे-घने बालों वाले एक व्यक्ति को देखा जिसकी दाढ़ी भी बढ़ी हुई थी और ऐसा लगता था शायद उसने कई महीनो...